मुझे गम ए तन्हाई हर ज़ुल्म गवारा हैं - The Indic Lyrics Database

मुझे गम ए तन्हाई हर ज़ुल्म गवारा हैं

गीतकार - | गायक - रतनबाई | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - गाज़ी सलाउद्दीन | वर्ष - 1939

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मुझको ग़म-ए-तन्हाई हर ज़ुल्म गवारा है
मजबूर हूँ, बेबस हूँ, रहमत का सहारा हैसीने में मचलते हैं अरमान शहादत??? के
आँखों में बसा हर दम जन्नत का नज़ारा है(हर रोज़ पलट क़िसमत)???? टूटेंगे सितम तेरे
बीमार-ए-शहासत?? का दुनिया से किनारा है