यदा यदा ही धर्मस्य घट घट घाट - The Indic Lyrics Database

यदा यदा ही धर्मस्य घट घट घाट

गीतकार - समीर | गायक - ओम पुरी, करसन सरगठिया, सुलेमान | संगीत - सलीम सुलेमान | फ़िल्म - घाट | वर्ष - 2000

View in Roman

यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मान.म सृजाम्यहम
परित्राणाय साधुनाम विनाषाय च दुष्कृताम
धर्म संस्थापनार्थाय स.म्भवामि युगे युगेजो हुआ वो अच्छा हुआ
जो हो रहा है वो अच्छा हो रहा है
और जो होगा वो भी अच्छा होगा
तुम क्या लाए थे जो ले जाओगे
तुमने क्या पैदा किया जो नष्ट हो गया
जो आज तुम्हारा है वो कल किसी और का था
और कल किसी और का होगा
जैसा बोओगे वैसा पाओगे
अपने कर्मों का फल यहीं भुगत कर जाओगेघात घात घातजो हुआ वो अच्छा हुआ
जो हो रहा है वो अच्छा हो रहा है
और जो होगा वो भी अच्छा होगा