होता रहा यूँही अगर अंजाम वफ़ा का - The Indic Lyrics Database

होता रहा यूँही अगर अंजाम वफ़ा का

गीतकार - इन्दीवर | गायक - मुकेश | संगीत - रोशन | फ़िल्म - मल्हार | वर्ष - 1951

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होता रहा यूँही अगर अंजाम वफ़ा का
लेगा न ज़माने में कोई नाम वफ़ा का

सिन्दूर की लाली है किसी के सुहाग में
जीते जी जल रहा है कोई ग़म की आग में
इस के सिवा होगा भी क्या अंजाम वफ़ा का
लेगा न ...

जाकर नहीं आना जिसे क्यों देखे वो मुड़के
मिलते नहीं हमराही दोराहे पे बिछड़के
मलूम है होता है जो अंजाम वफ़ा का
लेगा न ...

क़समें नहीं निभती धरे रह जाते हैं वादे
ये रेत की दीवर है जो चाहे गिरा दे
सौ काम जफ़ाओं के हैं इक काम वफ़ा का
लेगा न ...$