आना है तो आ, राह में कुछ फेर नहीं है - The Indic Lyrics Database

आना है तो आ, राह में कुछ फेर नहीं है

गीतकार - साहिर | गायक - रफी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - नया दौर | वर्ष - 1957

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आना है तो आ, राह में कुछ फेर नहीं है
भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं है
आना है तो आ ...

जब तुझसे न सुलझें तेरे उलझे हुए धंधे
भगवान के इनसाफ़ पे सब छोड़ दे बंदे
ख़ुद ही तेरी मुश्किल को वो आसान करेगा
जो तू नहीं कर पाया वो भगवान करेगा
आना है तो आ ...

कहने की ज़रूरत नहीं, आना ही बहुत है
इस दर पे तेरा सीस झुकाना ही बहुत है
जो कुछ है तेरे दिल में वो सब उसको ख़बर है
बंदे तेरे हर हाल पे मालिक की नज़र है
आना है तो आ ...

बिन माँगे भी मिलती हैं यहाँ मन की मुरादें
दिल साफ़ हो जिनका वो यहाँ आके सदा दें
मिलता है जहाँ न्याय वो दरबार यही है
संसार की सब से बड़ी सरकार यही है
आना है तो आ ...$