हमें और जीने की चाहत ना होती - The Indic Lyrics Database

हमें और जीने की चाहत ना होती

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - अगर तुम ना होते | वर्ष - 1983

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हमें और जीने की चाहत ना होती
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते
तुम्हें देख के तो लगता है ऐसे
बहारों का मौसम आया हो जैसे
दिखाई ना देती अंधेरों में ज्योती
अगर तुम ना होते..
हमें जो तुम्हारा सहारा ना मिलता
भंवर में ही रहते, किनारा ना मिलता
किनारे पे भी तो, लहर आ डुबोती
अगर तुम ना होते..
न जाने क्यो दिल से, ये आवाज़ आई
मिलन से है बढ़ के तुम्हारी जुदाई
इन आँखों के आँसू ना कहलाते मोती
अगर तुम ना होते..