सुनो जी दुल्हन इक बात सुनो जीआई - The Indic Lyrics Database

सुनो जी दुल्हन इक बात सुनो जीआई

गीतकार - रवींद्र रावल | गायक - कविता कृष्णमूर्ति, कोरस, उदित नारायण, सोनू निगम, रूप कुमार राठौड़, प्रतिमा राव | संगीत - राम लक्ष्मण | फ़िल्म - | वर्ष - 1999

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सुनो जी दुल्हन इक बात सुनो जी अपने नए परिवार से मिलो जी
तुम्हें मिलाएं सबसे आज सुनो सुनाएं सबके राज हायपहले दुल्हन तुम इनसे मिलो जी
घर के मुखिया तुम्हारे ससुर जी
जिनके सर पे सुखों का ताज
देखो जरा इनका अन्दाज़ हाँरामपुर का वासी हूँ मैं रामकिशन है नाम
सीधी सादी बोली मेरी सीधा सादा काम
हो जो भी चाहा मैने हो रब से वो पाया मैने
देस बिदेस घूमकर आया मैं भाई
हो महक गाँव की मिट्टी की ना बिसराई
वही गुड़ चना दूध नाश्ते में भाए
हो छुरी और काँटे से खाना ना आए
इतने पर भी हो इतने पर भी है नई technikको
प्यार से है सीखा मैने
रामपुर का वासी ...आओ दुल्हन अब इनसे मिलो जी
ये हैं तुम्हारी सासू माँ जी
घर में चलता इनका राज
इनका खास है इक अन्दाज़मेरा नाम मू मू मू मू मू मू आहा मू मू मू
तीन तितलियां मेरी यार मुझे पार्टियों से है प्यार
वा वा
shoppingहो या सब्जी मंडी मोल भाव की पक्की हूँ
एक रुपय्या कीमत हो तो एक रुपय्या ही मैं दूं
लम्बा मेरा फ़साना है पर beauty parlourजाना है
मेरा नाम मू ...प्यारा मुझे साज सिंगार उम्र को गोली मारो यार
वा वाचलो दुल्हन अब आगे बढ़ो जी
अपने ननद नंदोई से मिलो जी
दीदी को ये न करे नाराज़
आशिक़ाना है अन्दाज़ हाँराधिका के daddyज़रा आना
darlingहुकुम फ़र्माना
कैसी है ये साड़ी बताना
darlingफ़िदा है ये दीवाना
मेरा सर है दुखता
चलो मैं दबा दूं
है खाना पकाना
कहो मैं पका दूं
कहीं घूम आएं
जहां भी कहो तुम
dinnerलेंगे बाहर
फ़िकर ना करो तुम
बाद में ice creamभी खिलाना
darlingजो चाहो सो मंगाना
मीठा पान का पत्ता खिलाना
darlingज़रा सा मुस्कुराना
ज़रा मेरा purseतो उठाना
darlingतुम्हारा है ज़मानासुनो जी दुल्हन अब स.म्भल जाओ जी
छोटे नटखट देवर से मिलो जी
बड़ा रंगीला इनका मिज़ाज
शैतानी इनका अन्दाज़ हेपापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा
बेटा हमारा ऐसा काम करेगा
सच सारे सपने पापा के अपने
करने चला मैं नौजवांभोली सूरत दिल के खोटे
बात बड़ी है काम हैं छोटे
आठ बजे तक जो सोते
बड़े कहां लोग ऐसे होते
जिनकी नज़र में हो कोई सपना
रहा न उनको होश अपना होश अपना
चित भी है इनकी पट भी है इनकी
बिन पैंदे के ये लोटे
बात बड़ी है काम हैं छोटे काम हैं छोटे
भोली सूरत दिल के खोटे
हुस्न के नखरे मोटे मोटे मोटे मोटेसुनो जी दुल्हन अब गौर करो जी
अपने बड़े देवर से मिलो जी
माँ के दिल के ये सरताज
शर्मीला जिनका अन्दाज़ हूँअखियां मिलाएं नहीं हाय बतियाएं नहीं बनके रहें साधू
किसी चेहरे की किताब का रोज revisionहै चालू
प्रीत के पथ में हैं प्रेम बाबू
छुपे रुस्तम हैं ये प्रेम बाबू
ऐसे क्या बने पढ़ैया पढ़के देखो जी सैंया
प्रेम के ढाई आखर हो
जब तक तुम रहे बिदेसी मेरी हालत थी ऐसी
जल बिन जैसे मछरिया हो
मेरा पिया घर आया ओ रामजीओरी हो न हो पढ़ाई ओ पापा जी
कर दो इनकी भी सगाई ओ मम्मी जीप्यारी दुल्हन अब दिल थामो जी
क्यूं कि है बारी सैंया जी की
इतना सा है इनका राज़
सबसे अलग इनका अन्दाज़ हाँखुली किताब के जैसी है शख़्सियत इनकी
कौन है घर में ऐसा जिसको इनमें नाज़ नहीं
सुनो दुल्हन बताएं राज़ तुमको हम इनका
ये आईना है जिसके दिल में कोई राज़ नहींचंदा मामा से भी प्यारे हैं ये हमारे मामा
मामी जी के आ जाने से हमको भूल ना जाना
प्यारे प्यारे मामा जी जहां से न्यारे मामा जी
नि सा रे ग रे सा रे ग रे सा रे