हैं क़िस्मत का सितारा चमका छप्पर फड़ के - The Indic Lyrics Database

हैं क़िस्मत का सितारा चमका छप्पर फड़ के

गीतकार - पी एल संतोषी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सहगान, सी रामचंद्र | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - संगीता | वर्ष - 1950

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चि: अरे क़िस्मत का सितारा चमका
र: वाह वाह
चि: क़िस्मत का सितारा चमका
दिन तो थे असाढ़ के
र: ( हमें दिया ऊपर वाले ने
सब कुछ छप्पर फाड़ के
सब कुछ छप्पर फाड़ के जी
सब कुछ छप्पर फाड़ के ) -२
होय
हेयहाँ रो रो दिवस गुज़ारे ललवा
अरे अब तो खा ले पूरी हलवा
हम तो आ गये हैं नीचे
अब रुपयों के झाड़ के
अब रुपयों के झाड़ के जी
अब रुपयों के झाड़ के
हमें दिया ऊपर वाले ने
सब कुछ छप्पर फाड़ के
सब कुछ छप्पर फाड़ के जी
सब कुछ छप्पर फाड़ के
होय
हेयहा हमको किसी से क्या डरना है
अरे मार कुदाली घर भरना है
अरे पास खड़े हैं हम तो आ के
सोने के पहाड़ के
सोने के पहाड़ के जी
सोने के पहाड़ के
हमें दिया ऊपर वाले ने
सब कुछ छप्पर फाड़ के
सब कुछ छप्पर फाड़ के जी
सब कुछ छप्पर फाड़ के
होय
हेय