जिसके सपने हमें रोज़ आते रहे - The Indic Lyrics Database

जिसके सपने हमें रोज़ आते रहे

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - महेंद्र कपूर - लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी आनंदजी | फ़िल्म - गीत | वर्ष - 1970

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जिसके सपने हमें रोज़ आते रहे, दिल लुभाते रहे
ये बता दो, बता दो
ये बता दो, कहीं तुम वही तो नहीं
जब भी झरनों से मैंने सुनी रागिनी
मैं ये समझा तुम्हारी पायल बजी
ओ जिसकी पायल पे हम दिल लुटाते रहे, जां लुटाते रहे
ये बता दो, कहीं तुम वही तो नहीं
जिसके रोज़ रोज़ गीत हम गाते रहे, गुनगुनाते रहे
ये बता दो, कहीं तुम वही तो नहीं
जब भी ठंडी हवा गुनगुनाती चली
मैं ये समझी तुम्हारी मुरली बजी
जिसकी मुरली पे हम लहराते रहे, बलखाते रहे
ये बता दो, कहीं तुम वही तो नहीं
ये महकते बहकते हुए रास्ते
खुल गए आप ही प्यार के वास्ते
दे रही हैं पता मदभरी वादियां
जैसे पहले भी हम तुम मिले हो यहाँ
ओ कितने जन्मों से जिसको बुलाते रहे, आजमाते रहे
ये बता दो, कहीं तुम वही तो नहीं