होने लगा है मुझ पे जवानी का अब असर - The Indic Lyrics Database

होने लगा है मुझ पे जवानी का अब असर

गीतकार - प्रदीप | गायक - लता | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - नास्तिक | वर्ष - 1954

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(होने लगा है मुझ पे
जवानी का अब असर
झुकी जाए नज़र)-2
देखो छलक पड़ी है
मेरे रूप की गगर
झुकी जाए नज़र
होऽ झुकी जाए नज़र
होने लगा है मुझ पे
जवानी का अब असर
झुकी जाए नज़र

(इक ऐसी डगर पर
आई मेरी उमर
दमकी है मेरी दुनिया
झमकी मेरी झांझर)-2
दुल्हन की तरह
दुल्हन की तरह आज मैं
बन ठन चली किधर
झुकी जाए नज़र
होऽ झुकी जाए नज़र

होने लगा है ...

(मुसका रहा है मन
शरमा रहे नयन
पलकों में झूमने लगे
प्यार के सपन)-2
चुपकेसे मेरे
चुपकेसे मेरे दिल में
कोई कर रहा है घर
झुकी जाए नज़र
होऽ झुकी जाए नज़र

होने लगा है ...

(अपना है अब ये हाल
लटपट हुई है चाल
मैं ऐसी डोलूँ जैसे
डोले पवन में डाल)-2
पड़ने लगे हैं
पड़ने लगे हैं पाँव
मेरे अब इधर उधर
झुकी जाए नज़र
होऽ झुकी जाए नज़र

होने लगा है मुझ पे
जवानी का अब असर
झुकी जाए नज़र
होऽ झुकी जाए नज़र$