अच्छा जी मैं हारी चलो मान जाओ ना - The Indic Lyrics Database

अच्छा जी मैं हारी चलो मान जाओ ना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा - रफी | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - काला पानी | वर्ष - 1958

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अच्छा जी मैं हारी, चलो मान जाओ ना
देखी सब की यारी, मेरा दिल जलाओ ना
छोटे से कुसूर पे ऐसे हो ख़फ़ा
रूठे तो हुज़ूर थे, मेरी क्या ख़ता
देखो दिल ना तोड़ो
छोड़ो, हाथ छोड़ो
छोड़ दिया तो हाथ मलोगे, समझे?
अजी समझे
जीवन के ये रास्ते लंबे हैं सनम
काटेंगे ये ज़िन्दगी, ठोकर खा के हम
जालिम साथ ले ले
अच्छे हम अकेले
चार कदम भी चल ना सकोगे, समझे?
हाँ समझे
जाओ रह सकोगे ना तुम भी चैन से
तुम तो खैर लूटना जीने के मज़े
क्या करना है जी के
हो रहना किसी के
हम ना रहे तो याद करोगे, समझे?