जुडे में गजरा मत बंधो - The Indic Lyrics Database

जुडे में गजरा मत बंधो

गीतकार - वीरेंद्र मिश्रा | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - धूप छाँव | वर्ष - 1977

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जूड़े में गजरा मत बाँधो, मेरा गीत महक जायेगा
मेरी प्रीत सुलग जायेगी, मेरा प्यार छलक जायेगाजब तुम लेती हो अँगड़ाई
दिल की धड़कन बढ़ जाती है
पैरों में घुँघरू मत बाँधो, कोई राह भटक जायेगातेरे अंगों के मध्यम में प्यासे गीतों का सरगम है
सज-धज कर इतना मत डोलो, कोई राग बहक जायेगा