उड़ गये तोते रे - The Indic Lyrics Database

उड़ गये तोते रे

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - अरिजीत सिंह - पलक मुच्छल | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - नया दौर | वर्ष - 1957

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उड़ गये तोते रे, तेरे तो उड़ गये तोते रे
तेरी आँखों से हुई यारियां चलते चलते यूँही
मेरी आँखों ने तेरी आँखों से आप-बीती कही
तेरी आँखों के पीछे पीछे हम पगले से चल पड़े
मेरी आँखें अब दिल के चक्कर मे कुछ भी ना सुनती हैं
दिल ये धोखा-धडी कर देगा, सोचा ना था
इतनी ये गड़बड़ी कर देगा, सोचा ना था
ऐसी मुश्किल खड़ी कर देगा, सोचा ना था
हाँ तेरे फरेबी हैं, और हम सरफिरे भी हैं
प्यार-व्यार हम नहीं जानते
सीधे-सादे लगते हो, फिर क्यूं ऐसे ठगते हो
लगते हैं क्या नादान से
ह्म्म्, इसे जो माफ़ कीजे वल्लाह
ये दिल ज़रा सा है निठल्ला
इरादे हैं बेईमान से
दिल ये धोखा-धडी …
मेरे कानो में कहीं, रोशनदानो से कहीं
छनके तेरी आवाज़ है
ज़्यादा ना है ये कहे, चुप भी ना है ये रहे
आँखों का ये अंदाज़ है
चलो मियां हो गया वल्लाह
नींदों में भी खोना फ़िसलना
ख्वाबों पे तुम चलना धीरे से
दिल ये धोखा-धडी ...