हम तेरे आसरे ओम जय जगदीश हरे - The Indic Lyrics Database

हम तेरे आसरे ओम जय जगदीश हरे

गीतकार - समीर | गायक - हरिहरन, सहगान, अलका याज्ञनिक, केके, अभिजीत | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - ॐ जय जगदीश | वर्ष - 2002

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अपनी मर्यादा है पावन ये घर अपना
इस घर में देखा है हमने क्या क्या सपना
जैसे पूजा का मंदिर से
जैसे किरणों का अम्बर से
ऐसा अपना नाता
हम तेरे आसरे ओ हम तेरे आसरेओम जय जगदीश हरे स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट दास जनों के संकट
पल में दूर करे
ओम जय जगदीश हरेसत कर्मों के पथ पर जाएं मन में रहे भलाई
दुष्कर्मों की बात ना सोचें हम ना करें बुराई
रग रग में हो तेरी भक्ति
दे दे हमको इतनी शक्ति
दाता सच कहने से दिल कभी ना डरे
हम तेरे आसरे ...
ओम जय जगदीश हरे ...समय कोई भी आए जाए कोई भी मौसम हो
सारा जीवन अंतर्मन से प्रेम कभी ना कम हो
इक दूजे का बल बन जाएँ
वक़्त पड़े तो प्राण लुटाएँ
सुख दुःख साथ है सहना हम रहें ना परे
हम तेरे आसरे ...
ओम जय जगदीश हरे ...नैनों में विश्वास भरा है अधरों पर सच्चाई
इस धरती पे कहीं न होगा तेरे जैसा भाई
हम तेरी हर बात को मानें
तुझको अपना सब कुछ जानें
तोड़ें ना ये वादा साथ मिलके चलें
हम तेरे आसरे ...
ओम जय जगदीश हरे ...टूट गई मंदिर की मूरत रूठ गए भगवान
तरुवर का हर तिनका बिखरा चमन हुआ वीरान
उजड़ गया सब राम दुहाई
जाने किसने नज़र लगाई
चोट लगी सीने पे घाव कैसे भरे
हम तेरे आसरे ...
ओम जय जगदीश हरे ...