जिस के आने से रंगों में डूब गई है शाम - The Indic Lyrics Database

जिस के आने से रंगों में डूब गई है शाम

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कुमार सानू | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - दिलजले | वर्ष - 1996

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जिसके आने से रंगों में डूब गई है शाम
सोच रहा हूँ किस से पुछूँ उस लड़की का नाम
रंग है सोना, रूप है चाँदी, आँखें हैं नीलम
होंठ हैं कलियाँ, दांत हैं मोती, ज़ुल्फें हैं रेशम
जैसे ग़ज़ल है, जैसे कंवल है, जैसे छलकता जाम
सोच रहा हूँ किस से पुछूँ, उस लड़की का नाम
पलकों की छाँव, साँस की खुशबू, बाहों का संदल
माथे का सूरज, तन के उजाले, चाल की ये हलचल
जिस्म सुनहरा, चाँद सा चेहरा, दिल के लिये आराम
सोच रहा हूँ किस से पुछूँ, उस लड़की का नाम
हुस्न की मालिका, रूप की रानी, ख़्वाबों की शहज़ादी
जबसे मिली है, दिल में हुई है, ख्वाबों की आबादी
जिस के लिए मैं इस दुनिया में ले लूँ हर इल्ज़ाम
सोच रहा हूँ किस से पुछूँ, उस लड़की का नाम