प्रीतम मेरी दुनिया में दो दिन तो रहे होते - The Indic Lyrics Database

प्रीतम मेरी दुनिया में दो दिन तो रहे होते

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प्रीतम मेरी दुनिया में दो दिन तो रहे होते
हम प्रेम के सागर में इक साथ बहे होते
गर यूँ ही बिछड़ना था हम से तुझे ओ ज़ालिम
दो बोल मोहब्बत के हम से न कहे होते
बेदर्द अगर तुझको ग़ैरों ही का होना था
वादे वो वफ़ाओं के हम से न किए होते