ओ मांझी रे अपना किनारा नदिया की धारा है - The Indic Lyrics Database

ओ मांझी रे अपना किनारा नदिया की धारा है

गीतकार - गुलजार | गायक - किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - खुशबू | वर्ष - 1975

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ओ मांझी रे, अपना किनारा, नदिया की धारा है
ओ मांझी रे ...साहिलों पे बहने वाले
कभी सुना तो होगा कहीं, ओ ...
हो, कागज़ों की कश्तियों का
कहीं किनारा होता नहीं
हो मांझी रे ... मांझी रे
कोई किनारा जो किनारे से मिले वो,
अपना किनारा है ...
ओ मांझी रे ...पानियों में बह रहे हैं
कई किनारे टूटे हुए ओ ...
हो, रास्तों में मिल गए हैं
सभी सहारे छूटे हुए ...
कोइ सहारा मझधारे में मिले वो,
अपना सहारा है ...ओ मांझी रे, अपना किनारा, नदिया की धारा है
ओ मांझी रे ...