काली घटाएँ हैं ठण्डी हवाएँ हैं ( मस्त फ़िज़ाएँ हैं ) - The Indic Lyrics Database

काली घटाएँ हैं ठण्डी हवाएँ हैं ( मस्त फ़िज़ाएँ हैं )

गीतकार - ईश्वर चंद्र कपूर | गायक - मुकेश | संगीत - NA | फ़िल्म - चांद सितारे | वर्ष - 1948

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कह के भी न आये तुम

कह के भी न आये तुम

अब छुपने लगे तारे

दिल ले के तुम्हीं जीते

दिल दे के हमीं हारे

हम आस किये जाते

तुम पास नहीं आते

जाना था चले जाते

मिलने तो चले आते

कह के भी न आये तुम

अब छुपने लगे तारे

दिल ले के तुम्हीं जीते

दिल दे के हमीं हारे

हमने था तुम्हें माना

तुमने ही ना पहचाना

जब होना था बेगाना

तब क्यों किया दीवाना

कह के भी न आये तुम

अब छुपने लगे तारे

दिल ले के तुम्हीं जीते

दिल दे के हमीं हारे

सुनसान हुईं गलियाँ

सब सूख गईं कलियाँ

अब बीत चलीं घड़ियाँ

पर जाग रहीं अँखियाँ

कह के भी न आये तुम

अब छुपने लगे तारे

दिल ले के तुम्हीं जीते

दिल दे के हमीं हारे