सावन के बादलो - The Indic Lyrics Database

सावन के बादलो

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - जोहरा बाई, करण दीवान | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1944

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सब कुछ लुटाया हम ने आ कर तेरी गली में

सब कुछ लुटाया हम ने आ कर तेरी गली में

घर छोड़ कर बनाया है घर तेरी गली में

माथे पे उस को रख लूँ सजदे में सर झुका दूँ

मिल जाए जो भी हम को पत्थर तेरी गली में

ख़नजर तने हुए हैं और सर झुके हुए हैं

मक़तिल का किच रहा है मनज़र तेरी गली में

तेरे लिये जिये हैं तेरे लिये मरें गे

ये सोच कर बनाया है घर तेरी गली में