ऐ मेरे दिल-ए-नादां - The Indic Lyrics Database

ऐ मेरे दिल-ए-नादां

गीतकार - असद भोपाली | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रवि | फ़िल्म - टावर हाउस | वर्ष - 1960

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ऐ मेरे दिल-ए-नादां
तू ग़म से न घबराना
एक दिन तो समझ लेगी
दुनिया तेरा अफ़साना
ऐ मेरे दिल-ए-नादां...

अरमान भरे दिल में
ज़ख्मों को जगह दे दे
भड़के हुए शोलों को
कुछ और हवा दे दे
बनती है तो बन जाए
ये ज़िन्दगी अफ़साना
ऐ मेरे दिल-ए-नादां...

फ़रियाद से क्या हासिल
रोने से नतीजा क्या
बेकार हैं ये बातें
इन बातों से होगा क्या
अपना भी घडी भर में
बन जाता है बेगाना
ऐ मेरे दिल-ए-नादां...