कुशी तो क़ायद में है रोटा है मेरा दिलो - The Indic Lyrics Database

कुशी तो क़ायद में है रोटा है मेरा दिलो

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - बादल | वर्ष - 1951

View in Roman

ख़ुशी तो क़ैद में है ये कोई जीना भी जीना है
अरे ज़ालिम ज़माने तू ने दिल का चैन छीना हैरोता है मेरा दिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
जीना भी है मुश्क़िल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
किसको पुकारूँ क्या करूँ
क्या करूँ क्या करूँ
रोता है मेरा दिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ( तक़दीर ने मुझको लूट लिया
हर आस का सूरज डूब गया
हर आस का सूरज डूब गया ) -२
ये ग़म की घटायें ऐसी उठीं
उम्मीद पे पानी फेर दिया -२
अब दूर हुई मन्ज़िल
किसको पुकारूँ क्या करूँये फूल ख़ुशी के काँटे हैं
हम चुपके-चुपके रोते हैं
चुपके-चुपके रोते हैं
ऐ मौत गवाही देना तू
हम प्यार पे क़ुर्बाँ होते हैं -२
दुनिया है बड़ी क़ातिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
किसको पुकारूँ क्या करूँ
क्या करूँ क्या करूँ
रोता है मेरा दिल
किसको पुकारूँ क्या करूँमर जायें तो इतना कर देना
दो आँसू आ के चढ़ा देना -२
इस प्यार की उजड़ी बस्ती में
इक याद का दीप जला देना -२
तुम हो ना सके हासिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
किसको पुकारूँ क्या करूँ
क्या करूँ क्या करूँ
रोता है मेरा दिल
किसको पुकारूँ क्या करूँ
रोता है मेरा दिल