प्रीत जगा के मीत बना के भूल न जाना - The Indic Lyrics Database

प्रीत जगा के मीत बना के भूल न जाना

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - मोहम्मद शफी | फ़िल्म - हलचल | वर्ष - 1951

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प्रीत जगा के मीत बना के भूल न जाना
सुनो जी भूल ना जाना
प्रीत जगा के मीत बना के भूल न जाना
सुनो जी भूल ना जाना
हो समाँ है प्यार का रुत है सुहानी
दुल्हन बनी है रात की रानी
जीवन बीना जब तक बाजे हो यूँ ही हिलमिल गाना
सुनो जी भूल ना जाना
फूल न कुम्हला जाए खिल के
हो ना जुदा ( आपस में मिल के )
धड़कन बन के दिल में रहना आँखों में बस जाना
सुनो जी भूल ना जाना
आ बदल ना जाना जग के डर से
बने हैं साथी जीवन भर के
प्रीत की दुश्मन है ये दुनिया हो दुनिया को ठुकराना
सुनो जी भूल ना जाना
प्रीत जगा के