अभी न फेरो नज़र ज़िन्दगी सँवार तो लें - The Indic Lyrics Database

अभी न फेरो नज़र ज़िन्दगी सँवार तो लें

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - बिरादरी | वर्ष - 1966

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आते हो सताने को जाते हो रुलाने को
इस आने को क्या कहिए इस जाने को क्या कहिए
अभी न फेरो नज़र ज़िन्दगी सँवार तो लें
कि दिल के शीशे में हम आपको उतार तो लें
करीब आके ज़रा क़िस्मत जगा लेने दो
चमकते रुख से कोई जलवा चुरा लेने दो
कि हम भी प्यार के दिन झूम के गुज़र तो लें
कि दिल के शीशे में हम आपको उतार तो लें
मेरे चमन में कोई आया बहारें लेके
जवां नज़र में मोहब्बत की फुहारें लेके
अब इन बहारों से हम गुलसिता निख़ार तो लें
कि दिल के शीशे में हम आपको उतार तो लें
तेरे दीवाने तेरी उल्फ़त लिए बैठे हैं
तरसते दिल में यही हसरत लिए बैठे हैं
कि अपना कह के कभी आपको पुकार तो लें
कि दिल के शीशे में हम आपको उतार तो लें