अभी मुझ में कहीं बाकी थोड़ीसी है ज़िन्दगी - The Indic Lyrics Database

अभी मुझ में कहीं बाकी थोड़ीसी है ज़िन्दगी

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्य | गायक - सोनू निगम | संगीत - अजय - अतुल | फ़िल्म - अग्निपथ | वर्ष - 2012

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अभी मुझ में कहीं बाकी थोड़ीसी है ज़िन्दगी
जगी धड़कन नई, जाना जिंदा हूँ मैं तो अभी
कुछ ऐसी लगन इस लम्हें में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
अब है सामने इसे छू लूँ जरा
मर जाऊँ या जी लूँ जरा
खुशियाँ चूम लूँ या रो लूँ जरा
धूप में जलते हुए तन को, छाया पेड़ की मिल गई
रूठे बच्चे की हंसी जैसे, फुसलाने से फिर खिल गई
कुछ ऐसा ही अब महसूस दिल को हो रहा है
बरसों के पुराने ज़ख्म पे मरहम लगा सा है
कुछ ऐसा रहम, इस लम्हें में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा
डोर से टूटी पतंग जैसी, थी ये जिंदगानी मेरी
आज हो कल हो मेरा ना हो
हर दिन थी कहानी मेरी
इक बंधन नया पीछे से अब मुझको बुलाये
आने वाले कल की क्यों फ़िक्र मुझको सता जाये
एक ऐसी चुभन इस लम्हें में है
ये लम्हा कहाँ था मेरा