माने चाकर राखो जी संवालिया - The Indic Lyrics Database

माने चाकर राखो जी संवालिया

गीतकार - मीराबाई | गायक - सहगान, सितारा कनपुरी | संगीत - एस के पाल | फ़िल्म - मीराबाई | वर्ष - 1947

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सि : माने चाकर राखो जी
चाकर राखो जी संवलिया
माने चाकर राखो जीमाने चाकर राखो जी
को : चाकर राखो जी संवलिया
माने चाकर राखो जीसि : चाकर रह तू बाबुल गा तू
निस-दिन दर्शन पा तू
ब्रिंदापन की कुंज-गलिन में
को : ब्रिंदापन की कुंज-गलिन में
तेरी लीला गा तू -२सि : माने चाकर राखो जी
को : चाकर राखो जी संवलिया
माने चाकर राखो जीसि : ऊँची-ऊँची महल बनाऊँ
जिस बिच राखूँ बारी
साँवरिया के दरशन पाऊँ
को : साँवरिया के दरशन पाऊँ
जाऊँ तन-मन वारी -२सि : माने चाकर राखो जी
को : चाकर राखो जी संवलिया
माने चाकर राखो जीसि : जोगी आया जोग करन को -२
तप करने संयासी
हरि-भजन को साधू आया
ब्रिंदाबन के पासी
काहे नीर झरे नैनन से
को : काहे नीर झरे नैनन से
सि : धीर धरो जी मीरा
आधी रात प्रभू दर्शन देते
को : आधी रात प्रभू दर्शन देते
प्रेम नदी के तीरा -२सि : माने चाकर राखो जी
को : चाकर राखो जी संवलिया
माने चाकर राखो जी