महबूबा महबूबा - The Indic Lyrics Database

महबूबा महबूबा

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - राहुल देव बर्मन | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - शोले | वर्ष - 1975

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हो… उह …उह… ओह…
महबूबा ऐ महबूबा
ओ महबूबा ऐ महबूबा
महबूबा ऐ महबूबा हो हो हो
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं

गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
मैं और तू …
महबूबा ऐ महबूबा
महबूबा ऐ महबूबा हो हो हो …

गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं

गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
मैं और तू …

फूल बहारों से निकला
चाँद सितारों से निकला
फूल बहारों से निकला
चाँद सितारों से निकला
दिन डूबा, ओ महबूबा ऐ महबूबा

महबूबा ऐ महबूबा हू उ हू …
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
मैं और तू …

हुस्नों इश्क़ के राहों में
बाहों में निगाहों में
हुस्नों इश्क़ के राहों में
बाहों में निगाहों में
दिल डूबा, ओ महबूबा ऐ महबूबा

महबूबा ऐ महबूबा हू उ हू …
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
गुलशन में गुल खिलते हैं
जब सेहरा में मिलते हैं
मैं और तू …

महबूबा ऐ महबूबा
ओ महबूबा ऐ महबूबा

महबूबा ऐ महबूबा हू उउ हु..