अभी क्या सुनोगे, सुना तो हँसोगे - The Indic Lyrics Database

अभी क्या सुनोगे, सुना तो हँसोगे

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - सत्यकाम | वर्ष - 1969

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अभी क्या सुनोगे, सुना तो हँसोगे
कि है गीत अधूरा, तराना अधूरा
जो तुम चुप रहोगे, जो कुछ ना कहोगे
रहेगा सदा ये फ़साना अधूरा
ज़माने से जो मैने सिखा
नहीं कुछ भी वो मेरे काम का
सिखा दो जो तुम मीत मेरे
मुझे नग़्मा एक अपने नाम का
सजे सुबह, चेहरा खिले शाम का
करीब आ के भी दूर रहना
तुम ही जानो है इस में राज़ क्या
जो कुछ है तो, है नाज ग़म पर
करूँ दिल पर मैं अपने नाज़ क्या
सदा मेरी क्या है, मेरा साज़ क्या
किसी का ना हो जिस पे साया
मुझे ऐसे दिन ऐसी रात दो
मैं मंज़िल तो खुद ढूँढ लूँगी
मेरे हाथों में अपना हाथ दो
क़दम दो क़दम तुम मेरा साथ दो