अगर गरज के कह सकता है टर्की टर्कीश जाती का - The Indic Lyrics Database

अगर गरज के कह सकता है टर्की टर्कीश जाती का

गीतकार - NA | गायक - हेमंत, बेला मुखर्जी, समरेश रॉय, आभा बनर्जी | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - गैर-फिल्मी | वर्ष - 1947

View in Roman

दिल दो नैनों में खो गया बुरा हुआ या भला हुआ

सु : दिल दो नैनों में खो गया बुरा हुआ या भला हुआ

मु : जो होना था सो हो गया बुरा हुआ या भला हुआ

सु : मैने दिल से कहा ये उल्फ़त है दुश्वार हैं उल्फ़त की राहें

मु : मैने दिल से कहा झूठा जग है झूठे जग की झूठी चाहें

दो : दिल फिर भी तुम्हारा हो गया बुरा हुआ या भला हुआ

दिल दो नैनों में

सु : जग बना है जब से तुम ही कहो किसने दिल देकर सुख पाया

मु : जग बना है जबसे तुम ही कहो इस हुस्न ने किसे न ठुकराया

दो : दिल फिर भी तुम्हारा हो गया बुरा हुआ या भला हुआ

दिल दो नैनों में