गीतकार - अंजान, हसन कमाल | गायक - | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - सल्तनत | वर्ष - 1986
View in Romanनज़र ने नज़र से क्या कहा मेरी जां मेरी जां ये बता
कहूँ क्या नज़र ने क्या कहा आती है मुझको हया
जो है मेरे दिल में वही तेरे दिल में एक बार कह दे तू हाँ
नज़र ने नज़र से क्या कहा ...हो जागे हैं अरमां जान ले जान-ए-जां
अरे जानूं ना -३
कर दे एक एहसान मान ले जान-ए-जां
मानूं ना
पहले वफ़ा का इकरार कर ले हाज़िर है फिर मेरी जां
नज़र ने नज़र से क्या कहा ...वादा कर ये हाथ से हाथ छूटे ना
ना छूटेगा -३
साथ रहें दिन रात साथ ये छूटे ना
ना छूटेगा
उल्फ़त में तेरी चाहत में तेरी
ठुकरा दूँ सारा जहाँ
नज़र ने नज़र से क्या कहा ...