एक नगमा एक तारा एक गुणचा एक जामी - The Indic Lyrics Database

एक नगमा एक तारा एक गुणचा एक जामी

गीतकार - सगर सिद्दीकी | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - नगमा-ए-दिल (गैर-फ़िल्म) | वर्ष - 1991

View in Roman

एक नग़्मा एक तारा एक ग़ुँचा एक जाम
ऐ ग़म-ए-दौराँ ग़म-ए-दौराँ तुझे मेरा सलामज़ुल्फ़ आवारा गरेबाँ चाक घबराई नज़र
इन दिनों ये है जहाँ में ज़िंदगानी का निज़ामचन्द तारे टूट कर दामन में मेरे आ गिरे
मैंने पूछा था सितारों से तेरे ग़म का मक़ामपड़ गईं पैराहन-ए-सुबह-ए-चमन पर सलवटें
याद आ कर रह गई है बेख़ुदी की एक शामतेरी इस्मत हो के हो मेरे हुनर की चाँदनी
वक़्त के बाज़ार में हर चीज़ के लगते हैं दाम