ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से - The Indic Lyrics Database

ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता, सहगान | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - नई दिल्ली / नई दिल्ली | वर्ष - 1956

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ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
दिल से दिल को प्यार है फिर क्यूँ डरना संसार से
ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
मैं गुमसुम तुम भी चुप थे
पर आँह्कों ने सब कह डाला
पर आँह्कों ने सब कह डाला

मेरे प्यार ने पहनी वरमाला
ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
दिल से दिल को प्यार है फिर क्यूँ डरना संसार से
ओय ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
मैं नाचूँ मेरा मन नाचे
मेरे संग-संग सारा जग नाचे
मेरे संग-संग सारा जग नाचे

मची धूम ख़ुशी की धुन बाजे
ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
दिल से दिल को प्यार है फिर क्यूँ डरना संसार से
ओय ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
ज़िन्दगी बहार है मुहब्बत की बहार से
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