गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर - मन्ना डे | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - दो बीघा ज़मीन | वर्ष - 1953
View in Romanभाई रे
गंगा और जमुना की गहरी है धार
आगे या पीछे सबको जाना है पार
धरती कहे पुकार के
बीज बिछा ले प्यार के
मौसम बीता जाए
अपनी कहानी छोड़ जा
कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर
तू फिर आए ना आए
मौसम बीता जाए
तेरी राह में कलियों ने नैना बिछाए
डाली-डाली कोयल काली तेरे गीत गाए
अपनी कहानी छोड़ जा
कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर
तू फिर आए ना आए
मौसम बीता जाए
भाई रे
नीला अंबर मुस्काए
हर साँस तराने गाए
हाए तेरा दिल क्यों मुरझाए
मन की बंसी पे तू भी कोई धुन बजा ले भाई तू भी मुस्कुरा ले
अपनी कहानी छोड़ जा
कुछ तो निशानी छोड़ जा
कौन कहे इस ओर
तू फिर आए ना आए
मौसम बीता जाए
भाई रे