नहीं चिराग़-ए-मुहब्बत जलाए जाते हैं - The Indic Lyrics Database

नहीं चिराग़-ए-मुहब्बत जलाए जाते हैं

गीतकार - मुंशी दिलो | गायक - ज़ोहरा बाई | संगीत - NA | फ़िल्म - सोहनी महिवाल | वर्ष - 1946

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नया नैनों में रंग नई उठी उमंग

नया नैनों में रंग नई उठी उमंग

जिया बोले मीठी बानी

एक तुम हो साथ दूजे हाथ में हाथ

तीजे शाम सुनानी

शाम के प्यारे रंगों में आवो

आवो जी छिपछिप जायें

ढूँढा करें ढूँढने वाले

हम हाथ न आयें

मदमस्त हवायें हमें ले के वहाँ जायें

जहाँ निस की जवानी

एक तुम हो साथ दूजे हाथ में हाथ

तीजे शाम सुनानी

नया नैनों में रंग नई उठी उमंग

जिया बोले मीठी बानी

एक तुम हो साथ दूजे हाथ में हाथ

तीजे शाम सुनानी

दिन से दुगनी रात से तिगनी शाम हमारी हो जाये

ढलता सूरज उगता चंदा रात तलक खो जाये

चरनों में बलम तोरे पड़े रहें हम यूँ बितायें ज़िंदगानी

एक तुम हो साथ दूजे हाथ में हाथ

तीजे शाम सुनानी

नया नैनों में रंग नई उठी उमंग

जिया बोले मीठी बानी

एक तुम हो साथ दूजे हाथ में हाथ

तीजे शाम सुनानी