भाभी आई बड़ी धूम धाम से - The Indic Lyrics Database

भाभी आई बड़ी धूम धाम से

गीतकार - नूर लखनवी | गायक - उषा? | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - सुबह का तारा | वर्ष - 1954

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भाभी आई -२
बड़ी धूम धाम से मेरी भाभी आई -२
भाभी आई( रेल ने सीटी मारी, जळी में गिरी बिचारी
भाभी का डील था मोटा, और रेल का डिब्बा छोटा ) -२
मुश्किल से जा के उसमें वो समाई
भाभी आई -२( खिड़की से निकाली गर्दन, और भक भक बोला इंजन
भाभी ने जो घूँघट खोला, और आँख में पड़ गया कोयला ) -२
भाभी जी ने आँख भी गँवाई
भाभी आई -२को: पान बीड़ी माचिस सिगरैट -२
चाय गरम -३
ताँगा ए ताँगे वाले इधर आओ
( भाभी ने बुलाया ताँगे, उसने एक रुपय्या माँगा
तांगे का नसीबा फूटा, तांगे का पहिया टूटा ) -२
ठुम्मक ठुम्मक ठुम्मक पैदल आई -२
भाभी आई -२लो भाभी घूँघट खोलो, आओ भय्या से बोलो आओ आओ
लो भाभी घूँघट खोलो, आओ भय्या से बोलो
तबीयत हमारे भय्या की ललचाई
भाभी आई -२