साक़ी साक़ी दिल बुझ ही गया है सीने में - The Indic Lyrics Database

साक़ी साक़ी दिल बुझ ही गया है सीने में

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - ज़ोहरा बाई | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1944

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सावन की घटाओं

सावन की घटाओं

सावन की घटाओं मेरे साजन को बुला दो

सावन की घटाओं

आँसू मेरे ले जाओ ले जा के दिखा दो

सावन की घटाओं

कहना के तेरी याद में रोती हैं ये आँखें

रोती हुई आँखों से आँखें तो मिला दो

सावन की घटाओं

मुरझाने लगीं प्यार की बिखरी हुई कलियाँ

बिखरी हुई कलियों का फिर हार बना दो

सावन की घटाओं मेरे साजन को बुला दो

सावन की घटाओं