धन्य भाग सेवा का अवसर पाया - The Indic Lyrics Database

धन्य भाग सेवा का अवसर पाया

गीतकार - वसंत देवी | गायक - Nil | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - सुर संगम | वर्ष - 1985

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धन्य भाग सेवा का अवसर पाया
चरण कमल की धूल बना मैं
मोक्ष द्वार तक आया
हरी अनंत हरी रूप अनंता
कैसे कोई ध्यावे
राग रागनी के सुर सुर में
हरी निज रूप दिखाया
घट में गूंजा नाद निरंतर
ज्योत जली अंतर में
सौ सूरज के उजियारे में
मैंने मुझको पाया
धरती भीतर बीज पड़ा था
प्रभु के चरण लगे तो
बीज बन गया फूल, गंध ले
दूर गगन तक धाया
धन्य भाग सेवा का अवसर पाया