ज़िंदगी प्यार की दो चार घड़ी - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी प्यार की दो चार घड़ी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - हेमंत | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - अनारकली | वर्ष - 1953

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ज़िंदगी प्यार की दो चार घड़ी होती है
चाहे थोड़ी भी हो ये उम्र बड़ी होती है
ताज या तख्त या दौलत हो ज़माने भर की
कौन सी चीज़ मुहब्बत से बड़ी होती है
ज़िंदगी ...
दो मुहब्बत भरे दिल खाक धड़कते हो जहाँ
सबसे लम्बी वो मुहब्बत की घड़ी होती है
ज़िंदगी ...$