जुम्मे की रात हो या दिन जुमेरात का - The Indic Lyrics Database

जुम्मे की रात हो या दिन जुमेरात का

गीतकार - हारून | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - दुल्हा दुल्हन | वर्ष - 1964

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जुम्मे की रात हो या दिन जुम्मेरात का
करके जाना गोरी वादा मुलाक़ात कापीर की रात और दिन इतवार का
किया है वादा मैने पिया तोसे प्यार कायाद है गोरी तेरा छिप छिप के मिलना
दुनिया की नज़रों से बच बच के चलना
ये न पूछो पिया बीती कैसे रतियां
कर गईं जादू तेरी नीली अँखियाँ
मीठा मीठा दर्द है नज़रों के वार का
किया है वादा मैने ...निकलो न गलियों में बन ठन के गोरी
ऐसी ही बातों से खुलती है चोरी
दुनिया ने रोके अगर तेरे मेरे रास्ते
आऊंगी उड़ के पिया मिलने के वास्ते
संग मेरे तू है नहीं डर मोहे मझधार का
किया है वादा मैने ...