मरते को मारे दुनिया झुकती है दुनिया: - The Indic Lyrics Database

मरते को मारे दुनिया झुकती है दुनिया:

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, सहगान, सी रामचंद्र | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - सगाई | वर्ष - 1951

View in Roman

ल : मरते को मारे दुनिया
वाह री दुनिया, वाह री दुनिया
अकड़े कमज़ोरों के आगे
ताक़त वालों से ये भागेको : झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिये -२
ल : झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिये
झुकाने वाला चाहिये
को : झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिये -२
झुकाने वाला चाहिये -२र : पियो दूध खाओ घी, दुनिया करेगी जी जी जी -२
ताक़त वालों की जय होगी और कमज़ोरों की पी पी पी
को : पी पी पी
र : जलती है दुनिया जलाने वाला चाहिये -२
ल: जलती है दुनिया जलाने वाला चाहिये
जलाने वाला चाहिये
को : झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिये -२
झुकाने वाला चाहिये -२ल : शिरीमती हो या बेग़म, एक जान और सौ-सौ ग़म -२
औरत को कमज़ोर न समझो, मर्दों से किस बात में कम
डरती है दुनिया डराने वाला चाहिये -३
डराने वाला चाहिये
को : झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिये -२
झुकाने वाला चाहिये -२चि : सारी दुनिया के कमज़ोरो, चाहे कालो चाहे गोरो -२
मारो ऐसा धोबी पटड़ा, दुशमन का हो जाये रगड़ा -२
दबती है दुनिया दबाने वाला चाहिये -२
ल : दबती है दुनिया दबाने वाला चाहिये
दबाने वाला चाहिये
को : झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिये
जलती है दुनिया जलाने वाला चाहिये
डरती है दुनिया डराने वाला चाहिये
दबती है दुनिया दबाने वाला चाहिये
झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिये
झुकाने वाला चाहिये -२