जैसे जो खत तुझे वो तेरी याद में - The Indic Lyrics Database

जैसे जो खत तुझे वो तेरी याद में

गीतकार - नीरज | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - कन्यादान | वर्ष - 1968

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लिखे जो ख़त तुझे
वो तेरी याद में
हज़ारों रंग के
नज़ारे बन गएसवेरा जब हुआ
तो फूल बन गए
जो रात आई तो
सितारे बन गएकोई नगमा कहीं गूँजा, कहा दिल ने के तू आई
कहीं चटकी कली कोई, मैं ये समझा तू शरमाई
कोई ख़ुशबू कहीं बिख़री, लगा ये ज़ुल्फ़ लहराईफ़िज़ा रंगीं अदा रंगीं, ये इठलाना ये शरमाना
ये अंगड़ाई ये तनहाई, ये तरसा कर चले जाना
बना दे ना कहीं मुझको, जवां जादू ये दीवानाजहाँ तू है वहाँ मैं हूँ, मेरे दिल की तू धड़कन है
मुसाफ़िर मैं तू मंज़िल है, मैं प्यासा हूँ तू सावन है
मेरी दुनिया ये नज़रें हैं, मेरी जन्नत ये दामन है