गीतकार - साहिर | गायक - किशोर, जॉनी वॉकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - टैक्सी ड्राइवर | वर्ष - 1954
View in Romanचाहे कोई खुश हो चाहे गालियाँ हज़ार दे
मस्त राम बन के ज़िंदगी के दिन गुज़ार दे
पी के धाँधली करे तो मुझको जेल भेज दो
सूँघने में क्या है ये जवाब थानेदार दे
भाव अगर बढ़ा भी डाले सेठ यार ग़म न कर
खाये जा मजे के साथ जब तलक़ उधार दे
धत्् तेरे की!
हवा निकल गया
जैक्् लगाओ
चक्का, पहिया, पम्पिंग््
बाँट कर जो खाये उसपे अपनी जान ओ दिल लुटा
अरे जो बचाये माल उसको जूतियों का हार दे$