ज़रा ठहरो मैं हाल-ए-दिल सुना लूँ - The Indic Lyrics Database

ज़रा ठहरो मैं हाल-ए-दिल सुना लूँ

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - सुरैया | संगीत - एस एन त्रिपाठी | फ़िल्म - इनाम | वर्ष - 1955

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ज़रा ठहरो मैं हाल-ए-दिल सुना लूँ फिर चले जाना
तमन्नाओं को अश्क़ों में बहा लूँ फिर चले जाना
ज़रा ठहरो
अरे ओ जानेवाले एक ही पल के लिये रुक जा
मैं शम्मा-ए-ज़िंदगी अपनी बुझा लूँ फिर चले जाना
ज़रा ठहरो मैं हाल-ए-दिल सुना लूँ फिर चले जाना
ज़रा ठहरो
क़यामत की घड़ी है आज तो जी भर के रोने दो
मैं तुमको हार अश्क़ों के पिन्हा लूँ फिर चले जाना
ज़रा ठहरो मैं हाल-ए-दिल सुना लूँ फिर चले जाना
ज़रा ठहरो
तेरे जाते ही साज-ए-ज़िंदगानी टूट जायेगा
मैं अपना आख़री नगमा सुना लूँ फिर चले जाना
ज़रा ठहरो मैं हाल-ए-दिल सुना लूँ फिर चले जाना
तमन्नाओं को अश्क़ों में बहा लूँ फिर चले जाना
ज़रा ठहरो$