साजन की गलियाँ छोड़ चले - The Indic Lyrics Database

साजन की गलियाँ छोड़ चले

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - लता | संगीत - श्याम सुंदरी | फ़िल्म - NA | वर्ष - 1949

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हो सावन के दिन आये रे

हो सावन के दिन आये रे

सावन के दिन आये रे

मंगवा दे चुनरिया

हो बैरन साज सजाये रे

बैरन साज सजाये रे

मंगवा दे चुनरिया

कब लग ओढ़ूँ पुरानी चुनरिया

सुंदर वो बन जाये रे

हाय रे हाय रे

सुंदर वो बन जाये रे

मंगवा दे चुनरिया

हो सावन के दिन आये रे

सावन के दिन आये रे

मंगवा दे चुनरिया

हो बैरन साज सजाये रे

बैरन साज सजाये रे

मंगवा दे चुनरिया

मैं की नदिया सूर्ज निखारे

नैन की नदिया चन्द्र उबारे

देखत मन ललचाये रे

हाय हाय रे

देखत मन ललचाये रे

मंगवा दे चुनरिया

हो सावन के दिन आये रे

सावन के दिन आये रे

मंगवा दे चुनरिया

हो बैरन साज सजाये रे

बैरन साज सजाये रे

मंगवा दे चुनरिया

आ गई बन में रुत मतवारी

छा गई मन में प्रेमखुमारी

जोबन शोर मचाये रे

मंगवा दे चुनरिया

हो सावन के दिन आये रे

सावन के दिन आये रे

मंगवा दे चुनरिया

हो घरद्वार सजाये रे

रंगवा दे चुनरिया

हो सावन के दिन आये रे

सावन के दिन आये रे

मोहे ला दी चुनरिया

सब जग राग मनाये रे

मोही लागी नजरिया

गुजर गईं जोबन की बतियाँ

बीत गईं रंगरूप की रतिया

कौन गई रुत लाये रे

मोहे ला दी चुनरिया

सावन के दिन आये रे

मंगवा दे चुनरिया

हो बैरन साज सजाये रे

बैरन साज सजाये रे

मंगवा दे चुनरिया