मदभरी रुत जवां हैं - The Indic Lyrics Database

मदभरी रुत जवां हैं

गीतकार - मुंशी आरज़ू | गायक - पंकज मलिक | संगीत - पंकज मलिक | फ़िल्म - नर्तकी | वर्ष - 1940

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मदभरी रुत जवान है -२
रुत जवान है
गाल रंग भरे मन उमंग भरे -२
आँख रस टपकाये
रुत जवान है
मदभरी रुत जवान हैडाल की लचक पात की लहक फूल की महक ललचाये -२
यूँ बिच बलमा
यूँ बिच बलमा दूर दिखाये कली-कली मुसकाये
मदभरी रुत जवान हैचन्चल रूप दमकती दामिन ललचा कर तरसाये -२
इसी लगन में
ऐसा डूबे
इसी लगन में ऐसा डूबे आप भी गुम हो जाये
रुत जवान है
मदभरी रुत जवान है