दिल भी करता है याद जब तेरे शहर से - The Indic Lyrics Database

दिल भी करता है याद जब तेरे शहर से

गीतकार - सैफुद्दीन सैफ | गायक - शराफत अली | संगीत - राशिद अत्रे | फ़िल्म - वादा (पाकिस्तानी-फिल्म) | वर्ष - 1957

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दिल भी करता है याद छुप के तुझे
नाम लेती नहीं ज़ुबाँ तेरा
किससे पूछूँगा मैं ख़बर तेरी
कौन बतलायेगा निशाँ तेरा
तेरी रुसवाइयों से डरता हूँ
जब तेरे शहर से गुज़रता हूँहाल-ए-दिल भी न कह सका डर से
तू रही मुद्दतों क़रीब मेरे
तू मुझे छोड़ कर चली भी गई -२
ख़ैर क़िस्मत मेरी, नसीब मेरे
( अब मैं क्यूँ तुझको याद करता हूँ
जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ ) -२वो ज़माना तेरी मोहब्बत का -२
एक भूली हुई कहानी है
किस तमन्ना से तुझको चाहा था
किस मोहब्बत से हार मानी है
अपनी क़िस्मत पे नाज़ करता हूँ
जब तेरे शहर से गुज़रता हूँकोई पुर्सान-ए-इहाल हो तो कहूँ -२
कैसी आँधी चली है तेरे द्वार
दिन गुज़ारा है किस तरह मैंने
रात कैसे ढली है तेरे बग़ैर
( रोज़ जीता हूँ रोज़ मरता हूँ
जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ ) -२वो जो कहते हैं मुझको दीवाना
मैं उन्हें भी बुरा नहीं कहता
वरना एक बे-नवा मुहब्बत में -२
दिल के लुटने पे क्या नहीं कहता
मैं तो मुश्किल से आह भरता हूँ
जब तेरे शहर से गुज़रता हूँ