चार दिन की चंदानी थी फिर अंधेरी रात हैं - The Indic Lyrics Database

चार दिन की चंदानी थी फिर अंधेरी रात हैं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - सुरैया | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - दिल्लगी | वर्ष - 1949

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( चार दिन की चाँदनी थी फिर अंधेरी रात है
हम इधर हैं वो उधर हैं बेक़सी का साथ है ) -२क्या ख़बर थी उनका दामन हाथ से छुट जायेगा
ग़म के हाथों ज़िंदगी का कारवाँ लुट जायेगा
दिल लगा कर ग़म उठायें क्या अनोखी बात हैचार दिन की चाँदनी थी फिर अंधेरी रात है
हम इधर हैं वो उधर हैं बेक़सी का साथ है