सात समुंदर पार के गुड़ियां के बाजार से - The Indic Lyrics Database

सात समुंदर पार के गुड़ियां के बाजार से

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर, सुलक्षणा पंडित, मीना पाटकी, इला देसाई | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - तकदीर | वर्ष - 1967

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सात समुन्दर पार के
गुड़ियों के बाज़ार से
अच्छी सी गुड़िया लाना
गुड़िया चाहे ना लान
पप्पा जळी आ जाना१. तुम पर्देस गए जब से
बस ये हाल हुआ तब से
दिल दीवाना लगता है
घर वीराना लगता है
झिलमिल चाँद सितारों ने
दरवाज़ों दीवारों ने
सबने पूछा है हम से
कब जी छूटेगा ग़म से
कब जी छूटेगा ग़म से
कब होगा उनका आना, पप्पा ...२. माँ भी लोरी नहीं गाती
हम को नींद नहीं आती
खेल खिलौने टूट गए
संगी साथी छूट गए
जेब हमारी खाली है
और बासी दीवाली है
हम सबको ना तड़पाओ
अपने घर वापस आओ
अपने घर वापस आओ
और कभी फिर ना जाना, पप्पा ...३. ख़त ना समझो तार है ये
कागज़ नहीं है प्यार है ये
दूरी और इतनी दूरी
ऐसी भी क्या मजबूरी
तुम कोई नादान नहीं
तुम इस्से अनजान नहीं
इस जीवन के सपने हो
एक तुम्हीं तो अपने हो
एक तुम्हीं तो अपने हो
सारा जग है बेगाना, पप्पा ...