छलक रह है निगाहों से प्यार थोड़ा सां - The Indic Lyrics Database

छलक रह है निगाहों से प्यार थोड़ा सां

गीतकार - अजीज कश्मीरी | गायक - सुलोचना कदम | संगीत - श्यामसुंदर | फ़िल्म - ढोलक | वर्ष - 1951

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छलक रहा है
छलक रहा है निगाहों से प्यार थोड़ा सा
वो कर गये हैं
वो कर गये हैं हमें बेकरार थोड़ा सा
छलक रहा हैवो कह गये थे के आयेंगे आयेंगे और आ न सके -२
ख़ता हुई जो
ख़ता हुई जो किया ऐतबार थोड़ा सा
छलक रहा हैतुम्हारे सर की क़सम तुमसे प्यार न करते -२
जो दिल पे होता
जो दिल पे होता हमें इख़्तियार थोड़ा सा
छलक रहा हैकहा जो मैंने के हम तुम पे तुम पे जान देते हैं -२
तो हँस के बोले
हु

तो हँस के बोले अभी इंतज़ार थोड़ा सा
छलक रहा है
छलक रहा है निगाहों से प्यार थोड़ा सा