धडकन जरा रुक गयी है, कही ज़िन्दगी बह रही है - The Indic Lyrics Database

धडकन जरा रुक गयी है, कही ज़िन्दगी बह रही है

गीतकार - मंगेश कुलकर्णी | गायक - सुरेश वाडेकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - प्रहार | वर्ष - 1991

View in Roman

धडकन जरा रुक गयी है, कहीं ज़िन्दगी बह रही है
पलकों में यादों की डोली, भीतर खुशी हंस रही है
ये खुशी तुम हो, तुम ही तुम मेरी जानम करूँ ऐतबार
चेहरों के मेले में चेहरे थे गुम
एक चेहरा था मैं, एक चेहरा थे तुम
जाने क्या तुम ने दे दिया
मुझ को जहां मिल गया
होठों पर बात रहे, बातों में सूर बहे
सुरों में गीत वही तुम्हारी ही बात कहे
मिट जाऊं सपनों की आगोश में
भीग जाऊं यादों की बौछार में
मिलते ही आँखों ने रिश्ता पहचाना
एहसास सीने में साँसों ने जाना
चुपके से प्यार छू गया
दिला के एक जनम नया