दुनिया जब जलती हैं - The Indic Lyrics Database

दुनिया जब जलती हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - दोस्त | वर्ष - 1974

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( दुनिया जब जलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता है ) -२
आहा दुनिया जब जलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता है
किसी की नज़र बुरी बनकर छुरी
जब दिल पे चलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता है
दुनिया जब जलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता हैज़िंदगी क्या है एक तमन्ना ही तो है
तमन्ना की सुनो साहिब यही तारीफ़ होती है
ये रह जाये जो दिल में तो बड़ी तक़लीफ़ होती है
तो ज़िंदगी क्या है एक तमन्ना ही तो है
और ये तमन्ना जब तड़प तड़प कर
सीने से निकलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता है
दुनिया जब जलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता हैज़िंदगी क्या है एक हसीना ही तो है
हसीना सिर्फ़ औरत को नहीं कहते ज़माने में
यहीं एक नाम क्यूँ आख़िर लिखा है हर फ़साने में
तो ज़िंदगी क्या है एक हसीना ही तो है
और ये हसीना जब प्यार की सेज पर
करवटें बदलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता है
दुनिया जब जलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता हैकिसी की नज़र बुरी बनकर छुरी
जब दिल पे चलती है
हाय रे बड़ा मज़ा आता है
दुनिया जब जलती है
बड़ा मज़ा बड़ा मज़ा आता है