गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हुन - The Indic Lyrics Database

गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हुन

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - इंतेकाम | वर्ष - 1969

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हो हो
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ -२
तू भी मेरा साथी बन जा मैं तेरी हमराज़ हूँ
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ
तू भी मेरा साथी बन जा मैं तेरी हमराज़ हूँ
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँआ जा मिल के बाँट लें हो क्या ख़ुशियाँ क्या ग़म
हो आ जा मिल के बाँट लें हो क्या ख़ुशियाँ क्या ग़म
तनहा तनहा तनहाई का ज़हर पियें क्यूँ हम
तू मेरे जीवन का पंची मैं तेरी परवाज़ हूँगीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ
तू भी मेरा साथी बन जा मैं तेरी हमराज़ हूँ
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँदो दिन का साथ नहीं हो सारी उमर का है साथ
हो दो दिन का साथ नहीं हो सारी उमर का है साथ
जीते जी ना होंगे जुदा ये आज मिले जो हाथ
तू मेरी साँसों का मालिक मैं तेरी दमसाज़ हूँगीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ
तू भी मेरा साथी बन जा मैं तेरी हमराज़ हूँ
गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूँ -२